CPI M MP Dr. John Brittas demanded convene the Parliament operation sindoor delegation india pak tension

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का डेलिगेशन दुनिया के कई देशों में गया और पाकिस्तान के आतंकवाद को इंटरनेशनल लेवल पर बेनकाब करने का काम किया गया. इसी के बाद अब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में 5 देशों की यात्रा पूरी करने के बाद, सीपीआई-एम सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने कहा, कई देशों में गलत धारणा फैली हुई थी कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कर रहा है. इस पहल के चलते हम ने कई तथ्यों को उन देशों तक पहुंचाया और इन धारणा को बदला.

इसी के साथ सांसद ने कहा, विपक्षी सदस्य जो आउटरीच प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, उन्होंने अपने दायित्वों और कर्तव्यों को पूरा कर लिया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑपरेशन सिंदूर को पेश किया. उन्होंने आगे कहा, अब यह सरकार पर है कि वो अपना कर्तव्य पूरा करें, संसद का सत्र बुलाए और लोगों और विश्व समुदाय को सूचित करें.

कैसा रहा रिस्पॉन्स?

सीपीआई-एम सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने कहा, हम ने जिन देशों का दौरा किया, जापान, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया से हमें मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली. इन देशों में बहुत गलत सूचना फैली हुई थी, शायद भारत-पाक झड़पों पर पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट की वजह से ऐसा हुआ. इन देशों में ऐसी धारणा थी कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कर रहा है.

संसद का सत्र बुलाने की मांग

उन्होंने आगे कहा, हमारा मिशन यह था कि हम भारत का स्थिति स्पष्ट करें, हमें लगता है कि इस मिशन का संदेश उन देशों में बहुत अच्छी तरह से गया है जहां हमने दौरा किया था. इस मिशन के अंत में, हमें लगता है कि जो हमें जिम्मेदारी दी गई थी हमने उसको पूरा किया. चूंकि विपक्षी सदस्य जो आउटरीच प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, उन्होंने अपने दायित्वों और कर्तव्यों को पूरा कर लिया है, यह सरकार पर है कि वह अपना कर्तव्य पूरा करें, संसद बुलाए और लोगों और विश्व समुदाय को सूचित करें. हम ने सरकार का पूरा समर्थन किया. हम सभी ने अलग-अलग दलों के हो कर भी एक मकसद के लिए एक साथ काम किया, अब सरकार की बारी है कि वो संसद बुलाए.

विपक्ष ने पीएम को लिखा पत्र

जहां सांसद जॉन ब्रिटास संसद सत्र की मांग कर रहे हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन ने भी मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और 16 दलों ने मिलकर पीएम मोदी को पत्र लिखा. इस पत्र में पीएम से ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किए गए दावों को लेकर विशेष सत्र की मांग की गई.

इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था, पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सेना के शौर्य नमन के लिए, ट्रंप की बयानबाजी पर उठ रहे सवालों को लेकर हमने संसद के विशेष सत्र की मांग की है. दुनिया को जानकारी दी जा रही है तो संसद को क्यों नहीं? इसी को लेकर रामगोपाल यादव ने बीजेपी पर सवाल दागते हुए कहा था, हमारी कूटनीति कैसी रही? कितने देश हमारे साथ आए? संजय राउत ने भी इस दौरान सवाल पूछा था कि प्रसिडेंट ट्रंप के कहने पर युद्ध विराम हो सकता है, तो देश के विपक्ष के कहने पर संसद का विशेष सत्र नहीं बुला सकते.

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